भारत विश्व की महाशक्ति बनने के निर्णायक दौर में चल रहा है l ऐसे में हमारे देश के हर नागरिक की भूमिका अहम है, किंतु इसमें भी हमारे युवा, देश के विद्यार्थियों की निर्णायक भूमिका है l इसलिए उनमें संवाद का स्तर कैसा है, वो क्या सोचते हैं l अपने भविष्य के साथ साथ देश की दशा दिशा क्या हो, उसके लिए हमारे देशवासियों में चल रहा विमर्श कैसा है, इसकी बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका है l
आज देश की सरकार अनेकों बड़े फैसले देश हित में कर रही है, एक प्रगति शील नेतृत्व में भारत विश्व अनेकों क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है l चाहे कोविड जैसी वैश्विक महामारी से निपटने का मामला हो, चाहे रक्षा अनुसंधान हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर का मामला हो, चाहे आर्थिक प्रबंधन का मामला हो, और चाहे देश में भारतीय गौरव को जागृत करने का मामला हो, ऐसे सभी विषयों पर भारत अति सक्रियता के साथ अच्छे फैसले ले रहा है l
ऐसे दौर में एक ही विषय है, जिसपर हमें विकसित देशों के उदाहरणों और भारत के पूर्व के इतिहास से समझने की जरूरत है, वो यह कि जिस राष्ट्र में जनभागीदारी होगी, जनता देश के प्रति समर्पित होकर, देश हर संसाधन का सदुपयोग करने पर विचार करेगी, सार्वजानिक सेवाओं का सदुपयोग करने पर ध्यान और दुरुपयोग पर रोक लगानी शुरू कर देगी l सरकारी की नीतियों, कार्यक्रमों, और योजनाओं को जनता का जितना अधिक सहयोग मिलेगा, उतनी ही शीघ्रता से वह देश समृद्ध होगा, सम्पूर्ण प्रगति को प्राप्त करेगा l इसलिए देश का विशेष कर हमारे युवाओं का मानस तैयार करना होगा कि हम कैसे आगे बढ़े, क्यों बढ़ें? जहां मानवता के समक्ष इतनी चुनौतियां खड़ी हैं, प्राकृतिक संसाधन कम पड़ रहे हैं, प्रदूषण बढ़ रहा है l मानवीय जीवनशैली तेजी बदल रही है l सूचना प्रौद्योगिकी के युग में हमारी कार्यशैली पर युगांतरकारी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं l ऐसे में भारत अपनी प्रगति के कौन से और किस मार्ग पर आगे बढ़े? इसी के विमर्श की आज महती आवश्यकता है, और इसे आगे बढ़ायेगा. भारतीय यूथ पार्लियामेंट।
लेखक:
प्रमोद कुमार, अध्यक्ष SRRO
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